– क्रिकेट संवाददाता 3rd June :
पिछले दिनों मोहम्मद शमी ने कहा था कि खाली रफ्तार से कुछ नहीं होता। स्विंग काफी अहम है। अब यही बात पाकिस्तान के तेज़ गेंदबाज़ शाहीन शाह आफरीदी ने कही है। उनका कहना है कि अगर आपके पास लाइन-लेंग्थ नहीं है तो रफ्तार आपकी मदद नहीं कर सकती।
इन दोनों दिग्गजों की बात में दम है क्योंकि आज के आधुनिक क्रिकेट में आप अपनी रफ्तार से किसी को डरा नहीं सकते। अगर आपके पास स्विंग है या दोनों ओर गेंद को मूव कराने की क्षमता है तो आप काफी असरदार गेंदबाज़ साबित हो सकते हैं।
पिछले दिनों पाकिस्तान के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ शोएब अख्तर ने कहा था कि अगर उमरान को सही ट्रेनिंग मिलती है तो वह उनकी सबसे तेज रफ्तार गेंद का रिकार्ड तोड़ सकते हैं। अख्तर का तो यहां तक कहना था कि अगर यह रिकार्ड उमरान ने तोड़ा तो उनको काफी खुशी होगी। एक तेज गेंदबाज होने के नाते सलाह यह थी कि वह अपनी फिटनेस को बनाए रखें और इंजरी से बचें और सोच समझकर सीरीज में उतरे। उमरान को एक भविष्य का सितारा बताते हुए अख्तर ने बीसीसीआइ को उनके वर्कलोड पर ध्यान रखने की नसीहत दी है।
वैसे शुरु से ही पाकिस्तान की थ्योरी यही रही है कि गति से समझौता न किया जाये। लाइन एंड लेंग्थ अपने आप आ जाती है लेकिन आफरीदी के बयान से लगता है कि अब वह भारतीय सोच से चलने लगे हैं, जहां लाइन लेंग्थ के सबसे ज़्यादा मायने होते हैं। नैशनल क्रिकेट एकेडमी में भी स्पीड को उतनी तरजीह नहीं दी जाती जितनी कि लाइन एंड लेंग्थ को दी जाती है।
यहां हमारा नज़रिया यह है कि अगर भारत में उमरान मलिक जैसा गेंदबाज़ 157 कि.मी. की रफ्तार से गेंद कर रहा है तो हमें उसके वर्कलोड मैनेजमेंट को ध्यान में रखते हुए उसे स्विंग की कला में महारथ हासिल कराने की कोशिश करनी चाहिए। कुछ और नहीं तो कम से कम विपक्षी टीम पर तेज़ रफ्तार की गेंदों से मनोवैज्ञानिक दबाव तो बनता ही है।