शामर जोसफ नाम की आंधी ने तोड़ा गाबा का घमंड

Date:

Share post:

आशीष मिश्रा

शामर जोसफ की तेज गेंदबाजी के चलते वेस्टइंडीज ने गाबा का घमंड तोड़ा। कैरेबियाई गेंदबाजी के आगे ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी बेबस नजर आई। रोमांच से भरे दूसरे टेस्ट में वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को आठ रन से हराकर कमाल कर दिखाया।

दो टेस्ट मैच की सीरीज के दूसरे और आखिरी मुकाबले की चौथे दिन ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 156 रन की जरूरत थी और वेस्टइंडीज को आठ विकेट झटकने थे। मुकाबला कभी ऑस्ट्रेलिया के पाले में घूमता तो कभी वेस्टइंडीज धमाकेदार पलटवार करता। मगर अपना दूसरा मैच खेल रहे जोसफ ने दूसरी पारी में सात और पूरे मैच में आठ विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी।

वेस्टइंडीज की टीम पहली पारी में 311 रन बना सकी, जोश हेजलवुड ने चार विकेट झटके। ऑस्ट्रेलिया टीम की पहली पारी की शुरुआत बेहद खराब रही , उस्मान ख्वाजा और कप्तान पैट कमिंस की हाफ सेंचुरी की मदद से टीम ने 289 रन पर पारी घोषित की। कैरेबियाई टीम दूसरी पारी में कुछ खास नहीं कर पाई और 193 रन पर पूरी टीम सिमट गई। दूसरी  पारी में कंगारुओं के सामने 216 रन का लक्ष्य था लेकिन स्टीव स्मिथ (91) के अलावा कोई भी बल्लेबाज वेस्टइंडीज के गेंदबाजों के सामने नहीं टिक पाया और टीम को आठ रन से हार का सामना करना पड़ा। शामर जोसफ ने सात और अल्जारी जोसफ ने दो विकेट लेकर मेहमान टीम को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

प्लेयर ऑफ द मैच और प्लेयर ऑफ द सीरीज शामर जोसफ इस ऐतिहासिक जीत के नायक रहे। उन्होंने पूरी सीरीज में 13 और इस टेस्ट में आठ विकेट झटके। चौथे दिन मैच शुरू होने से एक घंटे पहले ही डॉक्टर ने जोसफ को खेलने की अनुमति दी थी। दरअसल, तीसरे दिन तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने एक तीखी यॉर्कर से उनका पैर का पंजा तोड़ दिया था, जिसके बाद उन्हें मैदान से बाहर लंगड़ाते हुए जाना पड़ा। इसके बावजूद वह गेंदबाजी करने के लिए वापस आए और शानदार गेंदबाजी कर अपनी टीम को जीत दिलाई। वेस्टइंडीज की 1997 के बाद ऑस्ट्रेलिया में यह पहली जीत है। 27 साल बाद कैरेबियाई टीम ने कंगारुओं को उन्हीं के देश में हराया है। पहला मैच वेस्टइंडीज तीन दिन के भीतर 10 विकेट से हारा था। दूसरा मैच जीतकर टीम ने इस सीरीज को एक-एक की बराबरी पर खत्म किया।

यह पिंक बॉल से ऑस्ट्रेलिया की डे-नाइट टेस्ट मैच में पहली हार है। इससे पहले टीम ने पिंक बॉल से खेले अपने सारे 11 मैच जीते थे। यह जीत वाकई में इसलिए भी खास है कि कंगारुओं को हराने वाली वेस्टइंडीज की टीम टी-20 और फिर वनडे वर्ल्ड कप में क्वालीफाई तक नहीं कर पाई थी और इससे भी बड़ी कमाल की बात यह है कि इस टीम के छह  खिलाड़ियों के पास दो से ज्यादा टेस्ट मैच का अनुभव भी नहीं था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

ट्रेविस हैड और अभिषेक शर्मा पर ऐसी लग सकती है लगाम

सनराइजर्स हैदराबाद और रॉयल चैलेंजर्स, बैंगलुरु के बीच जब पिछला मुक़ाबला हुआ था तो उसमें करीब साढ़े पांच...

धोनी का धर्मशाला में ज़बर्दस्त क्रेज़, टिकटों की कीमतें छूने लगीं आसमान

पंजाब किंग्स और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच पांच मई को धर्मशाला में होने वाले टिकटों की कीमतों में...

डीसी के खिलाफ जीटी को पिछली हार से लेना होगा सबक, देना होगा बल्लेबाज़ी

आयुष राज दिल्ली कैपिटल्स और गुजरात टाइटंस के बीच आईपीएल के इस सीजन का 40वां मुकाबला 24 अप्रैल को...

खेल जगत की दस बड़ी खबरें

आशीष मिश्रा वेस्टइंडीज के पूर्व खिलाड़ी सुनील नरेन ने वर्ल्ड कप में खेलने की खबरों को पूरी तरह से...