वैभव मुद्गल
इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड सक्रिय रूप से अपनी अभिनव प्रतियोगिता,
द हंड्रेड के लिए इंडियन प्रीमियर लीग फ्रेंचाइजी मालिकों से निवेश की
मांग कर रही है। इस कदम का उद्देश्य लीग की वित्तीय स्थिरता को मजबूत
करना और बाजार में उसकी उपस्थिति को बढ़ाना है। ईसीबी निजी निवेशकों को
प्रत्येक टीम में 49% तक हिस्सेदारी बेचने के लिए तैयार है, जिसमें
आईपीएल मालिक महत्वपूर्ण रुचि दिखा रहे हैं। हाई-प्रोफाइल आईपीएल
फ्रेंचाइजी, जिनमें मुकेश अंबानी जैसे अरबपतियों वाली फ्रेंचाइजी भी
शामिल है।
द हंड्रेड लीग का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है। इसी वजह से इंग्लैंड एंड
वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ग्लोबल कैलेंडर में अपनी स्थिति को मजबूत
करने और घरेलू खेल के वित्त को बढ़ावा देने के लिए निजी निवेश लाने की
कोशिश में लगी है। ईसीबी प्रत्येक टीम में 49 % फीसदी हिस्सेदारी निजी
निवेशकों को बेचकर हंड्रेड पर नियंत्रण बनाए रखते हुए फंड जुटाने की
कोशिश कर रहा है। मेजबान टीमों के पास शेष 51 फीसदी शेयर होंगे।
द हंड्रेड लीग, इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड द्वारा आयोजित 100
गेंदों का क्रिकेट टूर्नामेंट, तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। आईपीएल की
टीमें इस लीग में निवेश करने के कई संभावित कारण और फायदे देख सकती हैं।
• आईपीएल टीमें विश्व भर में अपनी मजबूत ब्रांड उपस्थिति के लिए जानी
जाती हैं। द हंड्रेड लीग में निवेश करने से वे इंग्लैंड और अन्य देशों
में अपने ब्रांड को और भी मजबूत कर सकती हैं। इससे नए प्रोजेक्ट भी जुड़
सकते है, जो आर्थिक रूप से लाभकारी हो सकते हैं।
• आईपीएल और द हंड्रेड के बीच खिलाड़ियों का आदान-प्रदान दोनों लीगों के
लिए फायदेमंद हो सकता है। युवा और उभरते खिलाड़ी विभिन्न लीगों में खेलकर
अपने कौशल को और भी मजबूत कर सकते हैं।
• दोनों लीगों के कोचिंग स्टाफ और प्रबंधन के बीच ज्ञान और रणनीति का
आदान-प्रदान क्रिकेट के खेल के स्तर को बढ़ा सकता है।
• द हंड्रेड लीग में निवेश से आईपीएल टीमों को नए रेवेन्यू सोर्स मिल
सकते हैं। इंग्लैंड में क्रिकेट का बड़ा बाजार है और वहां निवेश से टीमों
को आर्थिक लाभ हो सकता है।
• आईपीएल टीमों का द हंड्रेड लीग में निवेश करने से भारत और इंग्लैंड के
क्रिकेट संबंध मजबूत हो सकते हैं। इससे दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड के
बीच सहयोग बढ़ेगा।