भारतीय टॉप ऑर्डर में विराट और रोहित की वापसी के बाद कई तरह के सवाल खड़े हुए हैं। दोनों खिलाड़ियों ने पिछले 14 महीनों से कोई भी टी-20 मैच नहीं खेला है। आखिऱी बार दोनों खिलाड़ी 2022 टी-20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में खेले थे। 2022 टी-20 वर्ल्ड कप में हार के बाद भारतीय टीम नई योजनाओं के साथ आगे बढ़ी है। टी-20 में बाएं हाथ के बल्लेबाज की अहमियत समझी गई जिसके बाद तिलक वर्मा, रिंकू सिंह और यशस्वी जायसवाल जैसे बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों को टीम में शामिल किया गया है। 2021 और 2022 वर्ल्ड कप में भारत के ओपनर पॉवरप्ले का बखूबी इस्तेमाल नहीं कर पाए थे। 2022 वर्ल्ड कप में भारत का पॉवरप्ले में औसत स्कोर 40 से भी कम था और इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में हार का एक बड़ा कारण पहले दस ओवर में भारत की बेहद धीमी बल्लेबाजी थी।
फिलहाल भारत के टॉप तीन पर रोहित, विराट और गिल हैं। तीनों बल्लेबाजों का एक ही चिर-परिचित अंदाज है। शुरुआत में धीरे खेलते हुए बाद में रनों की गति बढ़ाना लेकिन यह फार्मूला अब टी-20 क्रिकेट में पुराना हो गया है और भारत पिछले दो टी-20 वर्ल्ड कप मुक़ाबलों में इस पुराने तरीके का खमियाजा भुगत चुका है।
इस स्थिति में यशस्वी भारत की इस समस्या का हल बन सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले साल नवम्बर में इस युवा बल्लेबाज ने अपने आक्रामक अंदाज से भारत को तेजतर्रार शुरुआत दिलाई थी। यशस्वी पिछले टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से सभी ओपनर्स में पहली दस गेंदों में सबसे ज्यादा स्ट्राइक रेट से रन बनाने वाले दूसरे सबसे तेज़ बल्लेबाज़ हैं। इसके अलावा यशस्वी ने टी-20 इंटरनेशनल में 159 के स्ट्राइक रेट से रन बनाएं हैं। भले ही उन्होंने मात्र 15 मुकाबलें ही खेलें हैं लेकिन इतने मैचों भी किसी भी खिलाड़ी की शैली को बताने के लिए पर्याप्त हैं।
हाल ही के वनडे वर्ल्ड कप में रोहित के तूफानी अंदाज ने उनके टी-20 खेल पर सेलेक्टरों का विश्वास तो बढ़ाया ही होगा लेकिन फॉर्मेट अलग होने पर रोहित पॉवरप्ले के बाद बीच के ओवरों में रनों की गति को कैसे जारी रखते हैं, यह भी देखना होगा। 7-15 ओवरों के बीच रोहित और विराट दोनों स्पिनरों के खिलाफ स्ट्राइक रेट उत्साहजनक नहीं है। दोनों बल्लेबाज ने स्पिनरों के सामने चौके-छक्के लगाने में संघर्ष किया है। रोहित के पिछले कुछ आइपीएल बेहद निराशाजनक रहे हैं।
टीम के नए ऑल फॉर्मेट खिलाड़ी शुभमन गिल का पिछले आईपीएल बेहद शानदार था लेकिन उनका टेंपलेट विराट और रोहित जैसा ही पुराना हो चुका है। अगर गिल टॉप आर्डर में खेलते हैं तो फिर से टॉप थ्री में भारत के पास कोई बाएं हाथ का बल्लेबाज नहीं होगा।