खेल बजट: अब बदल रही हैं सरकार की प्राथमिकताएं, दूरगामी योजनाओं पर ज़ोर

Date:

Share post:

 

ऊपर से देखने में ऐसा ज़रूर लगता है कि खेल बजट में इस बार उतना इज़ाफा नहीं हुआ जितना कि पिछले कुछ वर्षों से हो रहा था लेकिन इसकी बड़ी वजह यह है कि अब सरकार की प्राथमिकताएं बदल रही हैं। सरकार निचले स्तर पर खेलों को आगे बढ़ाने पर ज़ोर दे रही है। इसीलिए खेलो इंडिया का बजट लगातार बढ़ रहा है। स्कूल और यूनिवर्सिटी स्तर पर जहां इन खिलाड़ियों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं, वहीं उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर एक्सपोज़र देकर उनके लिए आधुनिकतम कोचिंग की सुविधाएं भी उन्हें दी जाने लगी हैं।

इस बार खेल बजट में पिछले कुछ समय से चले आ रहे कम से कम 300 करोड़ रुपये की वृद्धि का ट्रेंड टूटा है। फिर भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां खेल बजट को कम किया गया है। इस साल पेरिस ओलिम्पिक के मद्देनज़र बजट के पिछले वर्षों की तरह बढ़ने की उम्मीदें ज़ाहिर की जा रही थीं मगर ऐसा नहीं हुआ। दरअसल, इस बात को इस नज़रिए से देखा जाना चाहिए कि सरकार ने ओलिम्पिक ट्रेनिंग और खिलाड़ियों के लिए विदेशी कोच मुहैया कराने से लेकर तमाम खर्चे उस पिछले बजट से कर दिए हैं, जिसमें रिकॉर्डतोड़ वृद्धि की गई थी। उस बजट में ही एशियाई खेल, पैरा एशियाई खेल और पेरिस ओलिम्पिक की तैयारियों पर किया जाने वाला खर्च शामिल था। यही वजह है कि आज नीरज चोपड़ा पेरिस ओलिम्पिक की तैयारियों के मद्देनज़र स्विट्ज़रलैंड में अभ्यास कर रहे हैं। हाई जम्प और डिकेथलान के एथलीट तेजस्विन शंकर से लेकर अविनाश साबले, पारुल चौधरी, अंशू मलिक, सरिता मोर आदि तमाम एथलीट विदेशों में ट्रेनिंग ले रहे हैं। ज़ाहिर है कि खेल मंत्रालय टोक्यो के पिछले आयोजन में जीते सात पदकों के आंकड़े को पार करने और पेरिस में कम से कम दहाई के आंकड़े तक पहुंचने के लक्ष्य को साधने में जुटा हुआ है।

इस साल खेल बजट के लिए 3442.32 करोड़ रुपये मुकर्रर किए गए जो पिछली बार से केवल 45.36 करोड़ रुपये अधिक है। पिछले साल खेल बजट में 723.97 करोड़ और उससे पिछले साल 423.16 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई थी। इसमें युवा मामलों का बजट भी शामिल है। इन्हीं पैसों से खिलाड़ियों की मूलभूत सुविधाओं में इज़ाफा करने से लेकर उन्हें आधुनिकतम ट्रेनिंग देने और विदेशों में ज़्यादा से ज़्यादा एक्सपोज़र दिया जाना शामिल है।

ओलिम्पिक वर्ष के अवसर पर खिलाड़ियों को दिए जाने वाले आकर्षक ईनामों के बजट में तकरीबन 45 करोड़ की कमी की गई है। अगर इस बार ओलिम्पिक और पैरा ओलिम्पिक में खिलाड़ियों की संख्या बढ़ती है तो क्या ईनामी राशि अगले बजट की राशि से दी जाएगी। या फिर ऐसा भी सम्भव है कि उस समय बजट के कुछ प्रावधानों में अदला-बदली की जाए।

नैशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड (एनएसडीएफ) के बजट में 18 करोड़ की कटौती हुई है। खिलाड़ियों को खेलों के उपकरणों की खरीद और खेलों के विकास में जुटी संस्थाओं को वित्तीय मदद मुहैया कराना एनएसडीएफ का मुख्य काम है। मगर सरकार की प्राथमिकता खेलो इंडिया है, जहां स्कूल और यूनिवर्सिटी स्तर पर खिलाड़ियों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने और उन्हें एक्सपोज़र देने पर ज़ोर दिया गया है।

वैसे पिछले साल खेलो इंडिया का बजट 1045 करोड़ रुपये था मगर इसे संशोधित करके 880 करोड़ कर दिया गया। यह राशि भी पिछले बजट की तुलना में कहीं अधिक थी। अब तो स्कूल और यूनिवर्सिटी के छात्रों के अलावा पैरा गेम्स और विंटर गेम्स के लिए भी इसके दायरे को बढ़ा दिया गया है। सवाल यह है कि जो इन सबके दायरे में नहीं आते, उन खिलाड़ियों के लिए एनएसडीएफ एक बड़ा माध्यम हुआ करता था, जिसे अब सीमित कर दिया गया। इससे यह भी ज़ाहिर होता है कि सरकार की प्राथमिकता भविष्य के खिलाड़ी तैयार करने पर ज़्यादा टिकी हुई है। यूनिवर्सिटी से निकलने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी के लिए कोचिंग कैम्प से लेकर सरकार की कई साइंटिफिक योजनाएं हैं। फिर बाकी के खिलाड़ियों के लिए एनएसडीएफ को सीमित किया गया है। इसमें फंड के किसी भी तरह के दुरुपयोग की सम्भावनाओं को भी खत्म करने की दिशा में यह पहला बड़ा कदम उठाया गया है।

नैशनल सेंटर फॉर स्पोर्ट्स साइंस एंड रिसर्च (एनसीएसएसआर) के बजट में दो करोड़ की कमी की गई है। अब इसके लिए कुल आठ करोड़ के बजट का प्रस्ताव है। इसके माध्यम से कुछ चुनिंदा विश्वविद्यालयों में स्पोर्ट्स साइंस की दिशा में मदद की जाती थी। यहां भी सरकार का ज़ोर विश्वविद्यालय स्तर के खेलो इंडिया पर है, जिसका आयोजन इसी महीने गुवाहाटी में किया जा रहा है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में खेल सुविधाओं के लिए दिए जाने वाले बजट में भी 12 करोड़ की कटौती की गई है। वह भी तब जबकि इस राज्य से क्रिकेट में परवेज रसूल, उमरान मलिक, अब्दुल समद, स्कीइंग में गुल मुस्तफा देव, फुटबॉल में मेहराजुद्दीन और रिदमिक जिम्नास्टिक में पलक कौर जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिभाएं निकल रही हैं। जे एंड के एमेच्योर और प्रोफेशनल लीग से कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल खिलाड़ियों ने उम्मीदें जगाई हैं। लगता है कि ओलिम्पिक वर्ष को ध्यान में रखते हुए ही यहां के बजट को रोका गया है।

इसके अलावा भारतीय खेल प्राधिकरण का बजट 795.77 करोड़ (26.83 करोड़ का इज़ाफा), खेलो इंडिया (900 करोड़ (20 करोड़ का इज़ाफा), नाडा 22.30 करोड़ (57 लाख का इज़ाफा) एनडीटीएल 22 करोड़ (2.5 करोड़ का इज़ाफा) किया गया। सरकार 2036 में होने वाले पेरिस ओलिम्पिक की मेजबानी हासिल करने की दिशा में भी अभी से जुट गई है। इसीलिए अहमदाबाद में नारायणपुरा में वह तकरीबन साढ़े तीन सौ करोड़ की लागत में एक स्टेडियम के निर्माण में जुट गई है। साथ ही वाराणसी में सिगरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को तैयार करना भी उसकी अन्य महत्वाकांक्षी योजनाओं का हिस्सा है।

नैशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन के बजट में भी 15 करोड़ का इज़ाफा किया गया है। अब यह बजट 340 करोड़ कर दिया गया है। पिछली बार इस बजट में कटौती से काफी हो हल्ला हुआ था। दरअसल अब सरकार खिलाड़ियों के खातों में सीधे धनराशि डालने पर ज़्यादा ध्यान दे रही है। यहां तमाम खेल संघों का तर्क था कि जितनी राशि सरकार से एज ग्रुप के टूर्नामेंटों सहित नैशनल चैम्पियनशिप के लिए मुहैया की जाती है, उससे कहीं ज़्यादा धनराशि उन्हें निजी क्षेत्रों से जुटानी पड़ती है। सरकार ने यहां उनके तर्कों का भी सम्मान किया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

IND vs ENG 3rd Test: Shubman Gill’s Aggression Sparks Trott-Kumble War of Words

Report by Ayush: The third Test between India and England got really heated at the end of Day...

Shubman Gill Creates History in England: Former Indian Cricketer Yograj Singh Praises Record Double Century by Test Captain

Cricketing history was made at Lord’s as Shubman Gill etched his name into the record books by becoming...

Gibbs, Ross Taylor, Dilshan, Irfan, Yusuf, and Finch to Lead Teams in LEGEN-Z T10 League’s Inaugural Season

Cricket fans in India are in for a spectacular new chapter in sports entertainment as the LEGEN-Z T10...

ISPL Adds Star Power as Salman Khan Becomes Owner of New Delhi Franchise

Riding high on a record-smashing Season 2, the Indian Street Premier League (ISPL) has added more muscle to...