~दीपक अग्रहरी
कार्लोस अल्कारेज के तेज़ी से बढ़ते कदम टेनिस जगत के बाकी दिग्गजों के लिए एक खतरे की घंटी हैं।
विम्बलडन में उन्होंने वह कर दिखाया, जो कोई बिरला ही कर सकता था। उन्होंने महान सर्बियाई खिलाड़ी नोवाक जोकोविच को हराकर अपने करियर का दूसरा ग्रैंड स्लैम खिताब जीता। इससे पहले स्पेन के इस युवा 20 वर्षीय खिलाड़ी ने 2022 में यूएस ओपन अपने नाम किया था। अल्कारेज की विलक्षण प्रतिभा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक साल पहले उन्होंनेअपने हमवतन लाल बजरी के बादशाह राफेल नडाल और रिकार्डं 23 ग्रैंड स्लैम जीत चुके नोवाक जोकोविच को
अलग-अलग मुकाबलों में हराया था।
लगातार दो सेट हारने के बाद नोवाक ने चौथे सेट में वापसी करके मैच को पांचवे सेट में धकेला जिससे एक
बार फिर लगा कि नोवाक ने पांचवे सेट में जादुई खेल से अपने 24वें ग्रैड स्लैम पर मुहर लगा देगे लेकिन
अल्कारेज ने जोकोविच की सारी रणनीतियां विफल करते हुए पांच सेट चले इस विंबलडन
फाइनल को जीतकर अपने अंदर छिपी बादशाहत को उजागर कर दिया।
रोजर फेडरर के टेनिस को अलविदा कहने और नडाल के इंजरी की वजह से कोर्ट से बाहर होने के बाद माना जा रहा
था कि सर्बियाई टेनिस स्टार आसानी से अपने सिंगल्स टाइटल्स की संख्या में इजाफा करेंगे
और फिर नोवाक ने सबसे पहले क्ले किंग राफेल नडाल के रिकार्ड 22 सिंगल्स खिताब की बराबरी की और इसके बाद
इसी साल फ्रेंच ओपन में कॉस्पर रूड को हराकर सबसे ज्यादा 23 ग्रैंड स्लैम जीतने वाले पहले खिलाड़ी
बनने का गौरव हासिल किया।
इसी साल फ्रेंच ओपन के बहुचर्चित सेमीफाइनल में नोवाक और कार्लोस की भिड़ंत हुई थी और तब इस मुकाबले
में 37 वर्षीय अनुभवी खिलाड़ी ने स्पेन की युवा सनसनी को पस्त करके यह साबित किया था कि उन्हें अभी खेल
में पछाड़ने के लिए युवाओं को और मेहनत करनी पड़ेगी लेकिन विम्बलडन फाइनल के बाद
यह साफ हो चुका है कि करियर के अंतिम दौर में खड़े जोकोविच को टक्कर देने के लिए
स्पेन का उभरता यह युवा सितारा पूरी तरह से तैयार हो चुका है और शायद टेनिस को
उसका नया पोस्टर बॉय मिल चुका है।
टेनिस के लिए विम्बलडन का यह फाइनल इसलिए भी अहम था क्योंकि अल्कारेज की जीत ने यह साबित कर
दिया कि इस खेल का दौर अब जोकोविच, नडाल और फेडरर की छाया से आगे निकल चुका है। 2002 के बाद यह ऐसा पहला विम्बलडन है जिसे रोजर फेडरर, राफेल नडाल, नोवाक जोकोविच और एंडी मरे के अलावा किसी दूसरे खिलाड़ी ने जीता है। इतना ही नहीं, 1985 में बोरिस बेकर की कामयाबी के बाद अल्कारेज यह खिताब जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी हैं।