फीफा रैंकिंग में 57वें स्थान पर मौजूद सऊदी अरब का 102वें स्थान पर मौजूद भारत के खिलाफ हमेशा से पलड़ा भारी रहा है। सुनील छेत्री की अगुवाई में भारतीय फुटबॉल टीम गुरुवार को हांगझाऊ के हुआंगलोंग स्पोर्ट्स सेंटर स्टेडियम में एशियन गेम्स फुटबॉल के प्री-क्वार्टर फाइनल में सऊदी अरब के खिलाफ पूरी ताकत से उतरेगी।
“कोच के रूप में यह अब तक की मेरी सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। मुझे चुनौतियां पसंद हैं, मुझे उनका सामना करना पसंद है और मैं चुनौतियों से कभी नहीं कतराता।” भारत के मुख्य कोच इगोर स्टिमैक ने कहा।
एशियन गेम्स में भारत के अभियान की चुनौतीपूर्ण शुरुआत हुई क्योंकि वे चीन के खिलाफ अपने शुरुआती मैच से ठीक एक दिन पहले हांगझाऊ पहुंचे, जिससे उसके पास अभ्यास सत्र के लिए समय नहीं बचा। खिलाड़ियों की थकावट मैच पर दिखी और नतीजन पहला मैच भारतीय टीम 5-1 के बड़े अंतर से हार गई लेकिन इसके बाद सुनील छेत्री की टीम ने वापसी करते हुए बांग्लादेश के खिलाफ जीत (1-0) से जीत दर्ज की और म्यांमार (1-1) के खिलाफ ड्रा खेलकर चार अंकों के साथ भारत ने राउंड ऑफ 16 में जगह बनाई। वहीं सऊदी अरब ने ग्रुप चरण में जबरदस्त खेल दिखाते हुए दो मैच जीते और ईरान के साथ ड्रा खेला।
सऊदी अरब से पिछले तीनों मुकाबलों में भारत की हार हुई है। दोनों टीमों की पहली भिड़ंत 1982 के एशियाई खेलों में हुई, जहाँ ग्रीन फाल्कन्स ने 1-0 से जीत हासिल की। इसके बाद 2006 में सऊदी अरब ने भारत को एएफसी एशियाई कप क्वालीफायर में 20 दिनों में 3-0 और 7-1 के अंतर से हराया था।
सऊदी अरब का सामना करना एक मुश्किल चुनौती है। इस टीम ने फीफा विश्व कप में खेला था, जहां उसने अपने शुरुआती मैच में लियोनेल मैसी की अर्जेंटीनी टीम को हराया था। इतिहास सऊदी अरब के पक्ष में है लेकिन ब्लू टाइगर्स को अपने जुझारूपन पर भरोसा रखना होगा और उम्मीद करेंगे कि सुनील छेत्री का नेतृत्व और छोटे से छोटे मौके को भी भुनाने की क्षमता भारत को सफलता दिलाएगी। इस मैच में सुनील छेत्री, संदेश झिंगन और धीरज सिंह पर खास तौर पर नज़रें रहेंगी।