अरुणाचल के खिलाड़ियों के साथ चीन की बेरुखी, एशियाड में भी आ सकती है यही परेशानी

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एक ओर जी20 समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी
जिनपिंग रिश्तों में सुधार की ज़रूरत पर बल देते हैं तो वहीं खेल के
मैदान पर अरुणाचल के खिलाड़ियों की चीन अनदेखी करता है। उन्हें प्रॉपर
वीज़ा तक नहीं दिया जाता। उसकी ओर से अरुणाचल के खिलाड़ियों को नत्थी
वीज़ा देना उसकी स्ट्रैटजी का हिस्सा है जिसे भारत सरकार मान्यता नहीं
देती।

चीन के शहर चेंगदू में इन दिनों यूनिवर्सियाड गेम्स का आयोजन किया जा रहा
है जिसमें तमाम खेलों के भारतीय खिलाड़ी इसमें भाग ले रहे हैं। मगर वूशू
के भारतीय खिलाड़ी इस आयोजन का हिस्सा नहीं है। दरअसल ऑल इंडिया
यूनिवर्सिटी ने वूशू खिलाड़ियों के लिए 17 जुलाई को वीज़ा के लिए आवेदन
कर दिया था। इस बारे में ना-नुकुर होने के बाद 24 जुलाई को वीज़ा के लिए
दोबारा आवेदन किया गया लेकिन चीन ने इस दल में शामिल अरुणाचल के तीन
खिलाड़ियों को नत्थी वीज़ा जारी किया। नत्थी वीज़ा में पासपोर्ट पर
स्टैम्प नहीं लगती। वीज़ा जारी होने के बाद वूशू टीम इंदिरा गांधी
एयरपोर्ट पहुंची। पहले तो वहां इमिग्रेशन विभाग ने कई तरह के अंड़गे
लगाए। आखिरकार खिलाड़ियों के बोर्डिंग पास जारी कर दिए गए। तब तक सामान
लगेज लॉन्च में लग चुका था लेकिन ऊपर से अचानक एक आदेश आया कि वूशू टीम
के अंरुणाचल के खिलाड़ियों को अगर वीज़ा नहीं दिया जा रहा तो पूरी टीम
वहां नहीं जाएगी। रात दो बजे पूरी टीम घर लौट आई। इस दल में नेमन वांगशू,
ओनिलू तेगा और मेपनग लांगू के रूप में तीन अरूणाचल के खिलाड़ी थे।

यहां सवाल यह है कि अगर चीन ने यूनिवर्सियाड के लिए अरूणाचल प्रदेश के
खिलाड़ियों को प्रॉपर वीज़ा नहीं दिया है तो सितम्बर-अक्टूबर में तो वहां
एशियाई खेल भी हैं, जहां न सिर्फ अरुणाचल के वूशू खिलाड़ी अपनी चुनौती
रखेंगे बल्कि रॉलर स्पोर्ट्स और कराटे के भी कई खिलाड़ी अरुणाचल से हैं।
क्या चीन ऐसा तमाशा उस समय भी करेगा।

यहां गौरतलब है कि चीन ने वर्ल्ड यूथ चैम्पियनशिप के लिए भी कराटे के कई
खिलाड़ियों को वीज़ा देने से मना कर दिया था। ये सभी खिलाड़ी अरुणाचल से
थे। इसी तरह भारतीय बैडमिंटन टीम के मैनेजर को भी अरुणाचल प्रदेश से
ताल्लुक होने की वजह से वीज़ा नहीं दिया गया था।

भारतीय टीम के कोच राघवेंद्र सिंह ने कहा है कि जब उनकी आठ सदस्यों की
टीम एयरपोर्ट पहुंची तो इमिग्रेशन विभाग के अधिकारियों और सीआईएसएफ
कर्मियों ने हमें रोक दिया। उन्होंने इसका कारण नहीं बताया लेकिन इतना
कहा कि वह सरकार के निर्देश का इंतज़ार कर रहे हैं।

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