जब सब आराम फरमा रहे थे तब यशस्वी और जुरेल तालेगांव में अभ्यास में जुटे थे

Date:

Share post:

 

बहुत गुमान था, बैज़बॉल पर, टीम इंडिया के टीम वर्क ने निकाल दी हवा

 

इसे कहते हैं जज़्बा। चौथे और पांचवें क्रिकेट टेस्ट के बीच में दस दिन का फासला था। टीम इंडिया के खिलाड़ियों को छुट्टी दे दी गई थी और तीन मार्च को चंडीगढ़ में पूरी टीम को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था, जहां से टीम को धर्मशाला के लिए रवाना किया जाना है।

टीम इंडिया के युवा खिलाड़ी यशस्वी जायसवाल और ध्रुव जुरेल ने यह समय राजस्थान रॉयल्स के अपने खिलाड़ियों के साथ बिताया। इन दिनों नागपुर से तकरीबन सौ किलोमीटर दूर वर्धा ज़िले में तालेगांव में राजस्थान रॉयल्स का एक कैम्प लगा हुआ है। वहां इन दोनों खिलाड़ियों को उनकी फ्रेंचाइज़ी टीम ने राष्ट्रीय टीम की ओर से शानदार प्रदर्शन करने के लिए भव्य स्वागत किया। दोनों मूलत: उत्तर प्रदेश से हैं। यशस्वी भादोही से और ध्रुव आगरा से। यशस्वी ने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज़ में 655 रन बनाए हैं जबकि ध्रुव ने दो मैचों में काफी प्रभावित किया है। खासकर रांची में ध्रुव मैन ऑफ द मैच रहे, जहां दोनों पारियों में उन्होंने टीम को संकट से उबारने और मैच जिताने में अहम भूमिका निभाई। इन दोनों खिलाड़ियों ने अपने सपनों को साकार करने के लिए बचपन से ही घर से दूर समय बिताया है।

इन दोनों के खेल के स्तर को सुधारने में कोच ज़ूबिन भरूचा की बड़ी भूमिका रही है। खासकर ध्रुव को इंडिया ए की टीम से चुने जाने से पहले ही ज़ूबिन आला दर्जे का खिलाड़ी बनाने में जुट गए और उन्हें बहुत मेहनत कराई। इन दोनों खिलाड़ियों को ज़ूबिन ने साढ़े चार घंटे में 140 ओवर की गेंदबाज़ी करवाई। इस दौरान उन्हें स्वीप और रिवर्स स्वीप से खेलने का अभ्यास भी कराया गया। इस दौरान खासकर यशस्वी की दो कमज़ोरियां सामने आईं, जिनमें खासकर ऑन साइड पर बड़े शॉट खेलने में वह असहज दिखाई दिए। यह दिक्कत पहले आईपीएल के बाद तक रही। इसके लिए उनके अंदर पॉवर शॉट्स ईजाद कराने के अलावा उन्हें बेसबॉल ड्रिल्स कराई गईं। ज़ूबिन ने इसी कैम्प के दौरान ही उन्हें कभी हैवी बैट से खिलाया। कभी टेनिस बॉल से खिलाया और कभी थोड़ी भारी गेंदों से प्रैक्टिस कराई जिससे वह उनकी कई कमज़ोरियों को दूर करने में सफल रहे। ऐसा उन्होंने ध्रुव जुरेल, रियान पराग और संजू सैमसन के साथ भी किया। इस अभ्यास का असर यह हुआ कि यशस्वी के इसके बाद शॉट्स स्टेडियम की छत तक पहुंचने लगे। ज़ूबिन ने यशस्वी की एक और ग़लती को पकड़ा। बड़े शॉट्स खेलते हुए अक्सर उनकी कुहनी मुड़ जाती थी जिससे उनके शॉट्स में पॉवर देखने को नहीं मिलती थी। इसके लिए उन्हे रिवर्स स्वीप का अभ्यास कराया गया और उसके बाद डाउन द ग्राउंड शॉट्स उनसे शॉट्स लगवाए गए।

यशस्वी की दूसरी दिक्कत यह थी कि उनके शॉट्स ज़्यादातर मौकों पर फील्डर के हाथों में जाते थे। ऐसी ही दिक्कत का कभी टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ को भी सामना करना पड़ा था। इसके लिए उन्हें फील्डरों के बीच से गैप निकालने पर ज़ोर दिया गया। कट शॉट खेलने के लिए पॉइंट पर दो फील्डर लगा दिए जाते थे और पीछे थर्ड मैन लगा दिया जाता। इसी जगह से गैप ढूंढने के लिए उन्हें कहा जाता। राजस्थान रॉयल्स में यशस्वी के ओपनिंग पार्टनर जोस बटलर भी मानते हैं कि यशस्वी तकनीकी तौर पर बहुत मज़बूत हैं। बेशक वह हाल में उनकी इंग्लैंड टीम के खिलाफ बड़े शॉट्स लगा रहे थे लेकिन इसके बावजूद उन्हें उनकी बल्लेबाज़ी देखकर मज़ा आया।

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

National Sports Awards 2025: Honoring India’s Sporting Legends and Inspiring the Future

On January 17, 2025, a grand ceremony at Rashtrapati Bhavan, New Delhi, celebrated the stellar achievements of India’s...

संजू सैमसन की चैम्पियंस ट्रॉफी में वापसी के रास्ते में एक रोड़ा

आयुषी सिंह संजू सैमसन की चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में जगह तय नहीं है। उनकी संभावनाओं पर सवाल खड़े हो...

आठ साल बाद करुण नायर की हो सकती है भारतीय टीम में वापसी

अनीशा कुमारी क्या करुण नायर की भारतीय टीम में वापसी हो सकती है। ये सवाल इन दिनों क्रिकेट प्रेमियों...

बीसीसीआई ने बनाए दस नियम, पालन नहीं किया तो हो सकते हैं आईपीएल से बाहर

  अनीशा कुमारी बीसीसीआई ने भारतीय खिलाड़ियों के लिए दस नियमों को जारी कर दिया है। साथ ही यह शर्त भी...