~आशीष मिश्रा
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी फाइनल में एक समय मुंबई की टीम मुश्किलों में घिरी हुई थी, लेकिन सेमीफाइनल मैच की तरह इस बार भी शार्दुल ठाकुर टीम के मसीह बनकर मैदान में उतरे और हाफ सेंचुरी लगाकर मुंबई की बिखरती बल्लेबाजी को संभाला। इसके बाद विदर्भ की शुरुआत भी बेहद खराब रही टीम ने महज 31 रन पर ही अपने तीन गवां दिए।
विदर्भ ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। उनका यह फैसला सही साबित हुआ और एक समय 111 रन तक मुंबई के छह बल्लेबाज पवेलियन लौट गए थे। टीम का शीर्ष क्रम कुछ खास नहीं कर पाया। शार्दुल ठाकुर आखिरी के ओवरों में शानदार बल्लेबाजी कर अपनी हाफ सेंचुरी पूरी की और टीम के स्कोर 224 तक पहुंचाया। विदर्भ के लिए हर्ष दुबे और यश ठाकुर ने 3-3 विकेट झटके वहीं उमेश यादव ने दो विकेट चटकाए।
मुंबई के लिए स्थिति ख़राब हो चुकी थी और उन्होंने 111 रन पर छह विकेट गंवा दिए थे। इस बीच शार्दुल ठाकुर (75) और शम्स मुलानी (13) ने संभलकर खेलने के साथ ख़राब गेंद पर बाउंड्री लगानी शुरू कर दी। शम्स इस बीच यश का शिकार बने और कुछ देर बार तनुष कोटियान को भी यश ने आउट कर दिया। दूसरी ओर शार्दुल ने अपना आक्रामक क्रिकेट जारी रखा और अर्धशतक पूरा कर लिया। उन्होंने 75 रन की पारी में आठ चौके और तीन छक्के लगाए। तुषार देशपांडे के साथ उन्होंने कुछ अहम रन जोड़े, लेकिन तुषार के आउट होने के बाद वह भी तेज खेलने के प्रयास में आउट हो गए। तमिलनाडु क्रिकेट टीम के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में उन्होंने 109 रन की पारी खेली थी। यह उनके प्रथम श्रेणी करियर का पहला शतक था। शार्दुल 82 प्रथम श्रेणी मुकाबलों में लगभग 20 की औसत से 1,949 रन बना चुके हैं।
विदर्भ की शुरुआत बेहद खराब रही बल्लेबाजी करने उतरी विदर्भ की टीम को ध्रुव शौरी के रूप में पहला झटका लगा और वह बिना कोई रन बनाए शार्दुल का शिकार बने। कुछ देर बाद धवल कुलकर्णी ने भी अमन मोखड़े को आठ रन पर पवेलियन का रास्ता दिखा दिया। विदर्भ ने एक समय 20 रन पर दो विकेट गंवा दिए थे। कुछ देर बाद करुण नायर भी शून्य के स्कोर पर दिन के अंतिम समय पर आउट हए। मुंबई के लिए दिग्गज गेंदबाज धवल कुलकर्णी ने दो और शार्दूल ठाकुर ने एक विकेट हासिल किया। दिन का खेल खत्म होने तक विदर्भ ने अपनी पहली पारी में तीन विकेट खोकर 31 रन बना लिए हैं। अभी टीम 193 रन से पीछे है। अथर्व तायडे (21*) और आदित्य ठाकरे (0*) दिन का खेल खत्म होने के बाद नाबाद लौटे।