आयुष राज
23 फरवरी को आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच रणजी ट्रॉफी मैच आंध्र
की करीबी हार के बाद समाप्त हुआ था। मैच के ठीक बाद भारतीय टेस्ट टीम के
बल्लेबाज रह चुके हनुमा विहारी ने कहा कि वह अब आंध्र प्रदेश के लिए कभी
क्रिकेट नहीं खेलेंगे। विहारी ने अपने इस फैसले का जिम्मेदार टीम के चयन
में राजनीतिक दखल को ठहराया है।
आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन ने एक बयान जारी किया था जिसमे कहा गया है कि
हनुमा विहारी ने रणजी ट्रॉफी में बंगाल के खिलाफ मैच के दौरान सबके सामने
एक खिलाड़ी के खिलाफ अश्लील और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है और उस
खिलाड़ी ने एसोसिएशन में शिकायत दर्ज कराई है।
हनुमा विहारी ने कहा कि बंगाल के खिलाफ हुए पहले मुकाबले में वह टीम के
कप्तान थे। उस मैच के दौरान वह टीम के 17वें खिलाड़ी पर चिल्लाए थे। मैच
के बाद उस 17वें खिलाड़ी ने अपने पिता जो कि एक राजनेता हैं, उनसे विहारी
की शिकायत की। उसके पिता ने आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन को उनके खिलाफ
कार्रवाई करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि बिना किसी गलती के उनसे
कप्तानी से इस्तीफा देने के लिए कहा गया था।
हनुमा विहारी ने कहा कि उन्होंने कभी भी उस खिलाड़ी को कभी गलत शब्दों के
प्रयोग से कुछ भी नहीं कहा लेकिन एसोसिएशन ने सोचा कि वह खिलाड़ी उस
व्यक्ति से अधिक महत्वपूर्ण है जिसने पिछले साल अपने शरीर को जोखिम में
डालकर बाएं हाथ से बल्लेबाजी की थी। साथ ही आंध्र टीम को रणजी ट्रॉफी में
कप्तान के रूप में पिछले सात वर्षों में पांच बार नॉकआउट में पहुंचाया था
और भारत क्रिकेट टीम के लिए 16 टेस्ट मैचों में बल्लेबाजी की थी।
हनुमा विहारी ने कहा कि उन्हें काफी शर्मिंदगी महसूस हुई लेकिन इस सीजन
में उनका आगे के मैचों में खेल जारी रखने का एकमात्र कारण यह था कि वह
क्रिकेट और अपनी टीम का सम्मान करते हैं और उनकी टीम सात मैचों में से
तीन मैचों में जीत हासिल करके ग्रुप बी के दूसरे स्थान पर अपनी जगह बना
चुकी थी। उन्होंने कहा कि दुख की बात यह है कि एसोसिएशन को लगता है कि वह
जो भी कहते हैं, खिलाड़ियों को सुनना होगा और खिलाड़ी उनकी वजह से ही
वहां खेल रहे हैं। विहारी ने कहा कि उन्हें अपमानित और शर्मिंदगी महसूस
हुई थी लेकिन उन्होंने इस बात को आज तक किसी से नहीं कहा है।
विहारी की इन बातो का पूरा आंध्र की टीम ने समर्थन किया और कहा कि उस दिन
ऐसा कुछ नहीं हुआ था। पूरी आंध्र टीम ने कहा कि वह विहारी को टीम के
कप्तान के रूप में वापसी चाहते हैं। वह जो भी कहते है उससे टीम के सभी
खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ता है।
फिलहाल विहारी की बातचीत मध्य प्रदेश टीम के कोच चंद्रकांत पंडित के साथ
चल रही है और हो सकता है कि वह जल्द ही मध्य प्रदेश की टीम की ओर से
खेलते दिख सकते हैं।