भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही टी-20 सीरीज अभी तक गेंदबाजो के लिए बहुत दयनीय रही है। पहले तीन टी-20 मैचों में रनों की बारिश ने दर्शकों का खूब मनोरंजन कराया। अब तक इस सीरीज में 123 चौके और 65 छक्के लग चुके हैं। सीरीज का चौथा मैच शुक्रवार को रायपुर में खेला जाना है। रायपुर के वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में अभी तक मात्र एक वनडे खेला गया है। जिसमें भारत ने न्यूज़ीलैंड को अपने शानदार गेंदबाजी के दम पर आठ विकेट से हराया था। इस मैदान में फ्रेंचाईजी टी-20 टूर्नामेंट्स के खेले गए कई मैच हाईस्कोरिंग हुए है जिसे देखते हुए एक बार फिर से दोनों टीमों की बॉलिंग की धज्जियां उड़ने के संकेत हैं।
भारत के लिए ग्लेन मैक्सवेल की वतन वापसी राहत की खबर है। गुवाहाटी में मैक्सवेल की तूफानी सेंचुरी ने सीरीज में जान डाल दी है। ऑस्ट्रेलिया अपने मुख्य खिलाड़ियों की गैर मौजूदगी में खेल रहा है और सीरीज जीतने से ज्यादा उसका ध्यान वर्ल्ड कप के लिए काम्बिनेशन और सही विकल्प तलाशने पर है।
भारतीय टीम मैनेजमेंट को भी बाकी दो मैचों में खूब प्रयोग करने चाहिए और प्रयोगों की शुरुआत रायपुर से ही करें। तिलक वर्मा टी-20 वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा हो सकते हैं और उसी के मद्देनजर इस युवा खिलाड़ी को एक पार्टटाइम गेंदबाज के रुप में ज्यादा से ज्यादा मौके देने की आवश्यकता है। वर्ल्ड कप से पहले कार्यक्रम में नजर डालें तो भारत इस सीरीज के बाद मात्र छह टी-20 मुकाबले ही खेलने वाला है तो तिलक अब नहीं गेंदबाजी करेगें तो कब करेगें? प्रसिद्ध कृष्णा के टी-20 में आंकड़े और इस सीरीज लचर बॉलिंग उन्हें इस फॉर्मेट के लिए एक उपयुक्त बॉलर नहीं बनाती हैं। वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए सिलेक्टर्स को इस तेज गेंदबाज से आगे बढ़ जाना मुनासिब होगा। मुकेश कुमार की जगह शामिल हुए दीपक चाहर को अंतिम 11 में मौका मिल सकता है। भले ही दीपक चाहर डेथ ओवरों उतने कारगर न रहें लेकिन पॉवरप्ले में उनकी विकेट चटकाने और निचले क्रम में बैटिंग कौशल से वह टीम के लिए एक आलराउंडर के रोल में भी उपयोगी साबित हो सकते हैं। भारत को परिणामों से इतर प्रयोगों पर ध्यान देने की जरुरत है।