सात जून से ओवल में होने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम काफी मज़बूत दिखाई दे रही है। टीम में दो ऑलराउंडरों सहित कुल छह तेज़ गेंदबाज़ हैं तो वहीं दो स्पिनर, दो विकेटकीपर, तीन ओपनर और चार विशेषज्ञ बल्लेबाज़ों को टीम में शामिल किया गया है।
इसके लिए ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को भी बहुत ज़्यादा तवज्जो नहीं दिया है। यहां तक कि शैफील्ड शील्ड में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले कैमरोन बेनक्राफ्ट को टीम में जगह नहीं दी है। बेनक्राफ्ट ने 59.06 के शानदार औसत 945 रन बनाए हैं और न ही इसी टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज़्यादा विकेट चटकाने वाले माइकल नेसर को ही टीम में जगह मिल पाई है। मरकस हैरिस ही अकेले ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी घरेलू क्रिकेट की फॉर्म को ध्यान में रखा गय है। हैरिस ने शैफील्ड शील्ड में दो सेंचुरी की मदद से 601 रन बनाए हैं। ज़ाहिर है कि टीम को तीन ओपनर चाहिए थे। उस्मान ख्वाजा और डेविड वॉर्नर के साथ वह बतौर ओपनर टीम के भरोसे पर खरे उतरते दिखाई देते हैं। वैसे भी अगर ओपनर के तौर पर टीम प्रबंधन राइट-लेफ्ट कॉम्बिनेशन पर केंद्रित रहा तो हैरिस की लॉटरी खुल सकती है।
टीम में मार्नस लैबुशेन, स्टीव स्मिथ, ट्रेविस हैड और मैथ्यू रैनशॉ के रूप में मध्यक्रम के चार विशेषज्ञ बल्लेबाज़ हैं। कैमरून ग्रीन और मिचेल मार्श के रूप में दो फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडरों के अलावा टीम में मिचेल स्टार्क, पैट कमिंस, जोश हैज़लवुड और स्कॉट बोलैंड के रूप में चार विशुद्ध तेज़ गेंदबाज़ हैं। मिचेल मार्श ने पिछले दिनों तस्मानिया के खिलाफ सेंचुरी बनाकर अच्छी फॉर्म का परिचय दिया है। इसके अलावा टीम में स्पिनर के तौर पर नाथन लॉयन और टोड मर्फी होंगे। दोनों ऑफ स्पिनर हैं। वैसे भी प्लेइंग इलेवन में मौका किसी एक को ही मिलने वाला है। एलेक्स कैरी टीम के विकेटकीपर होंगे जबकि जोश इंग्लिस को बतौर रिज़र्व विकेटकीपर टीम में शामिल किया गया है।