अफगानिस्तान को क्यों खेलनी पड़ती है भारत मे टेस्ट सीरीज

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वैभव मुद्गल

जब दो टीमें टेस्ट मैच या टेस्ट सीरीज खेलती हैं तो मैदान किसी न किसी एक टीम का होम ग्राउंड होता है सिवाए आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल को छोड़कर। अगर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज होगी तो ये सीरीज या तो भारत में खेली जाएगी या ऑस्ट्रेलिया लेकिन अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच खेले जाने वाले इकलौते टेस्ट मैच में ऐसा नही है। ये मैच न तो अफगानिस्तान में खेला जाएगा और न ही न्यूजीलैंड में। ये मैच भारत में खेला जाएगा। भारत मे  ये टेस्ट मैच नौ से 13 सितंबर तक खेला जाएगा। अब सभी के मन में सवाल होगा कि अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड की टीमें भारत में टेस्ट मैच क्यों खेल रही हैं? ऐसी क्या वजह है  कि अफगानिस्तान को न्यूजीलैंड की मेजबानी भारत में करनी पड़ रही है  इसकी असली वजह हम आपको बताते है।

अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम को भारत मे टेस्ट सीरीज खेलने के कई कारण है सबसे पहले अफगानिस्तान मे क्रिकेट का इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं भारत जैसी नही है। भारत मे बेहतरीन स्टेडियम प्रैक्टिस सुविधाएं और क्रिकेट की अद्भुत संस्कृति है जो अफगानिस्तान के खिलाड़ियो को बेहतरीन प्रशिक्षण और अनुभव प्रदान करती है।
भारत और अफगानिस्तान के बीच मजबूत राजनीतिक और सांस्कृतिक  संबंध है जिसकी वजह से भारत ने हमेशा अफगानिस्तान के क्रिकेट के विकास में सहयोग किया है और अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भारतीय
बीसीसीआई से काफी समर्थन मिलता रहा है। इस सहयोग का ही कारण है भारत उन्हें अपने यहां मेजबानी का अवसर देता है। यहां मैच आयोजित करने से अफगानिस्तान को उत्साही दर्शक मिलते हैं जिनमें काफी अफगानस्तानी भी होते हैं जो दिल्ली में रह रहे हैं। इससे न केवल खिलाड़ियो का मनोबल बढ़ता है बल्कि उन्हे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका भी मिलता है।

इसके अलावा अफगानिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता और सुरक्षा की चिंता भी एक महत्वपूर्ण कारण है भारत मे खेलने से अफगानिस्तान की टीम सुरक्षित माहौल में खेल सकती है और बिना किसी दबाव के अपने खेल पर ध्यान केंद्रित कर सकती है।  युद्ध और आतंकवाद की मार इस देश ने झेली है।

वापस आया तालिबानी राज
अफगानिस्तान ने वैसे भी कोई उच्च स्तरीय स्टेडियम नहीं है जहां वह इंटरनेशनल मैच आयोजित करा सके। ये देश आगे बढ़ ही रहा था कि तभी अफगानिस्तान मे तालिबानी राज की वापसी हो गई। तालिबान ने आते  ही अफगानिस्तान की महिलाओं को क्रिकेट से दूर कर दिया। ऐसे मे वहां क्रिकेट का इंफ्रस्ट्रक्चर अभी तक नहीं बन पाया है। बीसीसीआई ने अफगानिस्तान की मदद की और उनसे अपने मैदान दिए जिन्हें वह अपना दूसरा घर कह सके और इंटरनैशनल मैचों की मेजबानी कर सके।
ग्रेटर नोएडा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स ग्राउंड और देहरादून का राजीव गांधी इंटरनैशनल क्रिकेट स्टेडियम के अलावा लखनऊ में भी अफगानिस्तान के कई अंतरराष्ट्रीय मैच आयोजित किए जा चुके हैं।

इसके अलावा ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक मैदान पर भी अफगानिस्तान की टीम खेलती रही है। इसी मैदान पर अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड की टीमें नौ से 13 सितंबर  तक टेस्ट मैच खेलेंगी।

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