इस बार टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर का बड़ा इम्तिहान है और उनके लिए इस बार भी सबसे बड़ी चुनौती बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ रहने वाले हैं। इन गेंदबाज़ों ने हाल के वर्षों में खासकर भारत के टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज़ों को खासा परेशान किया है। चाहे वे ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के गेंदबाज़ मिचेल स्टार्क हों या फिर पाकिस्तान के स्पीडस्टर शाहीन शाह आफरीदी। इतना ही नहीं, ट्रेंट बोल्ट, मार्को येनसेन, रीस टोप्ले और मुस्ताफिज़ुर रहमान भी हाल के वर्षों में टीम इंडिया के लिए बड़ी चुनौती रहे हैं। 2017 की चैम्पियंस ट्रॉफी में भारतीय टॉप ऑर्डर मोहम्मद आमिर की स्विंग के सामने ऐसा फसा कि इस कमज़ोरी से अभी तक उबर नहीं पाया।
दरअसल बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के लिए दोधारी तलवार की तरह होते हैं। स्वाभाविक तौर पर उनकी गेंदें अंदर की ओर आती हैं लेकिन जिन ऐसे गेंदबाज़ों के पास अवे मूवमेंट होता है, वह दोनों ओर से बल्लेबाज़ को परेशान करता है। इतना ही नहीं, ऐसे गेंदबाज़ अपनी गेंदों को शुरुआती ओवरों में फुलर रखते हैं जिससे बल्लेबाज़ को स्विंग का सामना करते हुए आगे या पीछे जाने पर बहुत कम समय मिल सके। इसीलिए खासकर मिचेल स्टार्क, शाहीन शाह आफरीदी शुरुआती ओवरों में अपनी गेंदों को पूरी लम्बाई की करते हैं और उन पर खासकर भारत के खिलाफ उन्हें कामयाबी भी मिलती है।
मिचेल स्टार्क ने इसी साल खासकर विशाखापत्तनम और मुम्बई में भारतीय टॉप ऑर्डर को खूब परेशान किया। शुभमन गिल को दोनों मौकों पर उनके खिलाफ शरीर से दूर खेलना महंगा साबित हुआ जबकि सूर्यकुमार यादव को उन्होंने दोनों बार अपनी गति से छकाया। रोहित उनकी साइडवे मूवमेंट से आती वॉवेल सीम पर आउट हुए। इस तरह की गेंदों के जिमी एंडरसन उस्ताद रहे हैं। मोहम्मद आसिफ ने कराची टेस्ट में वीरेंद्र सहवाग को ऐसी ही गेंद पर आउट किया था। विराट मुम्बई में उनकी इनस्विंगर के शिकार हुए थे। स्टार्क की गेंदों के साथ बल्लेबाज़ों का पूर्वानुमान इस कदर ग़लत रहा कि गिल उनके सामने कट करने से चूके, केएल राहुल फ्लिक से और रोहित कवर ड्राइव से चूके।
ट्रेंट बोल्ट ने पिछले वर्ल्ड कप से पहले ही भारत के न्यूज़ीलैंड दौरे में टीम इंडिया को अपनी गेंदबाज़ी से इस कदर डरा दिया था कि वर्ल्ड कप में हम बोल्ट के सामने ही सावधानी बरतते रह गए जबकि हेनरी ने राहुल और रोहित के रूप में दोनों ओपनरों को निपटाकर अपना काम कर दिया। बोल्ट को जडेजा के खिलाफ गति परिवर्तन का फायदा हुआ। बोल्ड की आम तौर पर रणनीति यह रहती है कि वे टॉप ऑर्डर को फुलर लेंग्थ की गेंदबाज़ी करते हैं जबकि लोअर ऑर्डर के सामने वह शॉर्ट और स्लोअर गेंदों का ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं।
इसी तरह शाहीन शाह आफरीदी ने एशिया कप के पल्लिकल में खेले मैच और दुबई में दो साल पहले टी-20 वर्ल्ड के मैचों में भारत के खिलाफ असरदार गेंदबाज़ी की। इन दोनों मौकों पर उन्होंने रोहित और विराट को आउट किया। रोहित को पल्लिकल में अपनी परफेक्ट निपबेकर पर और दुबई में यॉर्कर लेंग्थ पर उन्होंने पविलियन भेजा। विराट पल्लिकल में शॉट के लिए जल्दी चले गए और दुबई में वह उनकी स्लोअर बाउंसर के शिकार हुए थे।
वैसे इंग्लैंड के बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ रीस टोप्ले ने भी विराट को खासा परेशान किया। लॉर्ड्स में उन्होंने टीम इंडिया के छह विकेट झटके। फर्क सिर्फ यह था कि उन्होंने भारतीय गेंदबाज़ों को अपनी स्विंग पर नहीं फंसाया बल्कि उनकी सीम और उछाल लेती गेंदों पर उन्होंने भारतीय बल्लेबाज़ों को खासा परेशान किया।