क्रिकेटरों का राजनीति में उतरना कोई नई बात नहीं है। इन क्रिकेटरों ने राजनीति की पिच पर भी खूब चौके-छक्के लगाकर अपनी मौजूदगी का अहसास कराया है। भारतीय टीम के पूर्व ओपनिंग बल्लेबाज़ चेतन चौहान जहां उत्तर प्रदेश के खेल मंत्री रहे तो वहीं लक्ष्मीरतन शुक्ला और मनोज तिवारी बंगाल के खेल मंत्री रहे। हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह को हरियाणा के खेलमंत्री की कमान मिली तो वहीं ओलिम्पिक मेडलिस्ट राज्यवर्धन सिंह राठौर खेल मंत्री रहे।
अब दो और क्रिकेटरों के राजनीति में आने की चर्चा है। सौरभ गांगुली और मोहम्मद शमी को अगले लोकसभा चुनावों में टिकट मिल सकता है। सौरभ को टीएमसी से और शमी को बीजेपी से। सौरभ टीम इंडिया के धाकड़ कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष रह चुके हैं जबकि शमी ने पिछले साल वर्ल्ड कप में तूफानी गेंदबाज़ी करते हुए सबसे अधिक 24 विकेट चटकाए थे।
गुरुवार को सौरभ गांगुली और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तकरीबन आधा घंटा साथ रहे। ज़ाहिर है कि दोनों क्रिकेट पर तो बात करेंगे नहीं। चुनावों की सदगर्मियां इस समय उफान पर हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सौरभ इस बार टीएमसी से चुनाव लड़ सकते हैं। ममता बनर्जी के साथ कई मौकों पर उनकी नज़दीकियां देखी गईं। जिन दिनों वह हल्का दिल का दौरा पड़ने से अस्पताल में भर्ती थे, तब ममता बनर्जी उनसे मिलने अस्पताल गई थीं और वहां उन्होंने काफी समय गुजारा था। इसी तरह कोलकाता में आयोजित बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में सौरभ को बंगाल का ब्रैंड एम्बेसडर बनाया गया था।
इन्हीं सौरभ गांगुली की बीजेपी से भी नज़दीकियां रही हैं। एक मौके पर तो वह गृहमंत्री अमित शाह और सुवेंदु अधिकारी और सुकांत मजूमदार के साथ भोजन करते दिखे थे। उनका यह चित्र सोशल मीडिया पर खूब चर्चा का विषय रहा था। जिन दिनों सौरभ बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से हटे थे, तब बीजेपी उन्हें विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर उतारने का मन बना चुकी थी लेकिन तब सौरभ ने इस प्रस्ताव को शालीनता के साथ स्वीकार करने से मना कर दिया था।
इसी तरह मोहम्मद शमी को बीजेपी बंगाल की बशीरहाट लोकसभा सीट पर उतारने का मन बना चुकी है। सूत्रों का यह भी कहना है कि हाल के घटनाक्रम से शमी की बीजेपी से नज़दीकियां बढ़ी हैं। मोहम्मद शमी के गांव अमरोहा में योगी सरकार एक स्टेडियम का निर्माण करने जा रही है। दरअसल यह योजना राज्य में 20 स्टेडियमों के निर्माण का ही हिस्सा है। इस बहाने सरकार शमी के गांव में यह सहूलियत देकर उन्हें सम्मानित करना चाहती है। बंगाल की बशीरहाट सीट पर लम्बे समय से सीपीआई का दबदबा रहा है लेकिन पिछले दो लोकसभा चुनावों से यहां टीएमसी के उम्मीदवार विजयी रहे हैं। यदि शमी को यहां से टिकट मिलता है तो उनका मुक़ाबला इस क्षेत्र की मौजूदा सांसद नुसरत जहां से होगा।
दरअसल खिलाड़ियों का लचीला रवैया उनके राजनीति में प्रवेश को लेकर कोई बाधा नहीं बनता। इसीलिए उनसे अलग अलग पार्टियां सम्पर्क करती हैं और खिलाड़ी भी बातचीत के मामले में हरेक से बात करते हैं और राज्य को भी खिलाड़ियों की साफ सुथरी छवि से राज्य के विकास के लिए उम्मीद जगती है।