पहले साइमन डूल ने हार्दिक पांड्या की फिटनेस पर सवाल उठाए। फिर यही सवाल एडम गिलक्रिस्ट ने उठाया। सुनील गावसकर ने उनकी बॉलिंग और कप्तानी को बेहद औसत दर्जे का बताया। इरफान पठान ने उनकी डेथ ओवरों की गेंदबाज़ी पर सवाल उठाए और केविन पीटरसन ने कहा कि दर्शकों की हूटिंग का खराब असर उनके खेल पर पड़ रहा है।
सवाल यह है कि हार्दिक ने दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ बॉलिंग क्यों नहीं की। आरसीबी के खिलाफ भी उन्होंने केवल एक ओवर ही क्यों फेंका। क्या वह पूरी तरह फिट नहीं हैं या फिर यह भी हो सकता है कि वह टी-20 वर्ल्ड कप को ध्यान में रखकर ऐहतियात के तौर पर गेंदबाज़ी न कर रहे हों। जिस हार्दिक के बारे में कभी रोहित शर्मा कहा करते थे कि वह बतौर गेंदबाज़ भी टीम इंडिया में जगह बना सकते हैं। उनकी बल्लेबाज़ी टीम के लिए एक तरह से बोनस की तरह है। उन्हीं हार्दिक की अब बॉलिंग का क्या हश्र हो रहा है, जो किसी से छुपा नहीं है। सीएसके के खिलाफ उनकी गेंदों पर 43 रन और एसआरएच के खिलाफ 46 रन पड़ने से यह ज़ाहिर है कि वह पूरी लय से गेंदबाज़ी नहीं कर पा रहे। आखिर उनकी इस लय को किसने रोका है। इसके पीछे फिटनेस ही है कि कभी क्लासेन और मार्करम उन पर छक्के जड़ते हैं तो कभी ट्रेविस हैड चौकों की बरसात करते हैं। सीएसके के लिए एमएस धोनी ने उनकी चार गेंदों में से तीन पर छक्के जड़े और बची हुई गेंद पर दो रन बटोरे।
वैसे अगर हार्दिक के नज़रिए से भी सोचा जाए तो उनकी एक मजबूरी सामने आती है। पिछले साल जब वह गुजरात टाइटंस के साथ थे तब उस वर्ष आईपीएल में सबसे अधिक विकेट लेने वाले तीनों गेंदबाज़ – मोहम्मद शमी, मोहित शर्मा और राशिद खान उन्हीं की टीम में थे लेकिन मुम्बई इंडियंस में उनके पास बॉलिंग के उतने विकल्प नहीं हैं कि जिन पर वह भरोसा कर सकें। आकाश मंडवाल पिछले साल की फॉर्म से कोसों दूर हैं। रोमारियो शेफर्ड की गेंदबाज़ी बेअसर साबित हो रही है। पीयूष चावला बेहद महंगे साबित हुए हैं। श्रेयस गोपाल और मोहम्मद नबी से वह पूरे ओवर भी नहीं करवा रहे। उनकी अपनी फॉर्म भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। केवल जसप्रीत बुमराह ही टीम के अकेले ऐसे गेंदबाज़ हैं, जो इस आईपीएल में सभी तेज़ गेंदबाज़ों से बेहतर गेंदबाज़ी कर रहे हैं।
फिटनेस शुरू से हार्दिक की एक समस्या रहा है। 2021 का टी-20 वर्ल्ड कप उन्होंने बेहद कम गेंदबाज़ी करके खेल लिया जहां वह धोनी की बदौलत वर्ल्ड कप खेल गए। पिछले साल वनडे के वर्ल्ड कप में भी उन्हें मासपेशियों में खिंचाव की वजह से टूर्नामेंट के दौरान हटना पड़ा।
इन दिनों अब उनके विकल्प के बारे में सोचा जाने लगा है। शिवम दूबे इस आईपीएल में 60.50 के औसत से 242 रन बना चुके हैं और उनका स्ट्राइक रेट 163.51 रहा है। इस दौरान उन्होंने 15 छक्के लगाकर अपनी उपयोगिता साबित की है। युवराज सिंह से लेकर स्टीफन फ्लेमिंग जैसे तमाम खिलाड़ी टी-20 में उन्हें टीम इंडिया में शामिल करने की पैरवी कर रहे हैं। ज़ाहिर है कि वह पांड्या से ज़्यादा फिट हैं और ज़्यादा लय में भी हैं। पांड्या का टीम में चयन तभी किया जाए जब चयनकर्ता इस बात पर आश्वस्त हो जाएं कि वह पूरी तरह फिट हैं।