मुम्बई इंडियंस की कप्तानी रोहित के बजाय हार्दिक पांड्या करेंगे। इस टीम के पास एक जमा जमाया टॉप आर्डर है। पिछली बार न बुमराह थे और न ही जोफ्रा आर्चर थे। मगर इस बार बुमराह भी हैं और उनके साथ उनके नए पार्टनर गेराड कोएत्जी भी होंगे। वैसे टीम पिछले आयोजनों में धीमी शुरुआत के लिए जानी जाती है और इस बार भी सूर्यकुमार यादव के साथ तेज़ गेंदबाज़ दिलशान मदुशंका और नुवान तुषारा के शुरुआती मैचों में उपलब्ध नहीं होंगे।
गुजरात टाइटंस को जहां हार्दिक पांड्या और मोहम्मद शमी की कमी महंगी साबित हो सकती है तो वहीं नए कप्तान शुभमन गिल 2011 की वर्ल्ड कप विनिंग टीम इंडिया के कोच गैरी कर्स्टन के साथ टीम की रणनीति बनाते हुए दिखाई देंगे। लेफ्टआर्म चाइनामैन नूर अहमद, घरेलू क्रिकेट में चमके साई किशोर और अभिनव मनोहर के आने से टीम में अब विकल्प बढ़ गए हैं। गिल के लिए पांड्या की भरपाई करना उनकी सबसे बड़ी चुनौती होगी। वहीं दिल्ली कैपिटल्स की टीम ऋषभ पंत, मिचेल मार्श, कुलदीप यादव और एनरिक नोर्खिया पर निर्भर रहेगी। ओपनिंग में वॉर्नर को जहां अपने स्ट्राइक रेट पर काम करने की ज़रूरत है तो वहीं पृथ्वी शॉ को अपने प्रदर्शन में निरंतरता लानी होगी। मध्य क्रम टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती है लेकिन ऋषभ पंत के प्रेरणादायी व्यक्तित्व और कप्तानी टीम में नई स्फूर्ति पैदा कर सकती है।
लखनऊ सुपर जाएंट्स की टीम ब्रिसबेन गाबा के हीरो शामर जोसफ और इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ डेविड विली के आने से मज़बूत हुई है। गेंदबाज़ी इस टीम का कमज़ोर पक्ष था लेकिन बल्लेबाज़ी में गहराई इस टीम की बड़ी ताक़त है। मगर पिछली बार एलिमिनेटर में बल्लेबाज़ी का ढहना इस टीम के लिए बड़ा सबक होगा। सनराइजर्स हैदराबाद के पास एक से बढ़कर एक विदेशी धाकड़ खिलाड़ी है। इसके बावजूद देसी खिलाड़ियों में मैच विनर और पॉवरहिटरों की कमी से यह टीम हॉट फेवरेट नहीं रह गई है। पंजाब किंग्स के साथ भी यही स्थिति है। इसमें कई देसी और विदेशी पॉवरहिटर हैं लेकिन पिछले साल कई मौकों पर इन दिग्गजों के आउट होने से टीम के लिए पूरे 20 ओवर खेलना भी मुश्किल हो गया था। राजस्थान रॉयल्स की उम्मीदें यशस्वी जायसवाल, संजू सैमसन और ध्रुव जुरेल पर टिकी हैं। इसके अलावा टीम में हैटमायर जैसा फिनिशर और नांद्रे बरगर जैसा बाएं हाथ का तेज़ गेंदबाज़ है, जिनके आने से बोल्ट के साथ उनकी जोड़ी असरदार साबित हो सकती है। टीम के साथ दिक्कत यही है कि शुरू के पांच बल्लेबाज़ों के आउट होने के बाद टीम में उतनी गहराई नहीं है।
आरसीबी को कैमरुन ग्रीन के आने से नई स्फूर्ति मिली है। जब से आरसीबी की महिला टीम ने वूमैन प्रीमियर लीग का खिताब जीता है, तब से पुरुष टीम से खिताबी सूखे को खत्म करने की उम्मीदें की जाने लगी हैं लेकिन दिक्कत यह है कि विराट, फाफ डू प्लेसी और मैक्सवेल के रूप में धाकड़ बल्लेबाज़ी होते हुए भी गेंदबाज़ी इस टीम का कमज़ोर पक्ष है। खासकर स्पिन गेंदबाज़ी और डेथ ओवरों की गेंदबाज़ी में इस टीम को इस बार भी जूझना पड़ सकता है। सच तो यह है कि टीम संतुलित दिखाई नहीं देती। केकेआर को आंद्रे रसेल और सुनील नरेन की पुरानी पॉवर का इंतज़ार है जबकि गौतम गम्भीर के जुड़ने और रिंकू सिंह के पॉवरहिटर के तौर पर उभरने से टीम की उम्मीदें जगी हैं। रहमतुल्ला गुरबाज़ के शुरुआती ओवरों के धूमधड़ाके और मिचेल स्टार्क की रफ्तार इस टीम का सबसे बड़ा आकर्षण है।
कुछ समय पहले राहुल द्रविड़ ने टीम इंडिया के सभी क्रिकेटरों को आईपीएल में स्मार्ट क्रिकेट खेलने की सलाह दी थी। इसका मतलब ही यही है कि खिलाड़ी अपनी फिटनेस को प्राथमिकता दें। ज़रूरत पड़ने पर कुछ मैचों से आराम किया जाना इसका बेहतर विकल्प हो सकता है। फिटनेस इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि आईपीएल खत्म होने के हफ्ते बाद ही टीम को टी-20 वर्ल्ड कप के लिए रवाना होना है। मेरे हिसाब से चेन्नई सुपरकिंग्स, मुम्बई इंडियंस, लखनऊ सुपरजाएंट्स और राजस्थान रॉयल्स प्लेऑफ में पहुंचने की प्रबल दावेदार हैं।