– रितिक कपूर 3rd June :
डरहम के तेज़ गेंदबाज़ मैथ्यू पॉट्स को इस बार लॉर्ड्स टेस्ट में अपने
करियर की शुरुआत करने का मौका मिला। इस खिलाड़ी ने जैसा प्रदर्शन पिछले
कुछ मैचों में घरेलू क्रिकेट में किया, उसी की छाप उनके पहले टेस्ट में
देखने को मिली।
मैथ्यू पॉट्स के पास जोफ्रा आर्चर जैसी गति तो नहीं है लेकिन इस गेंदबाज़
के पास अच्छी लाइन और लेंथ है जिसके चलते उन्होंने 24 फर्स्ट क्लास मैचों
में 2.19 की इकॉनमी से 77 विकेट चटकाए हैं। पॉट्स बल्लेबाज़ी भी अच्छी कर
लेते हैं। उन्होंने अभी तक 24 फर्स्ट क्लास मैचों में 17.19 के औसत से
447 रन बनाए हैं जिसमें दो हाफ सेंचुरी शामिल हैं।
इसी साल डरहम की ओर से पॉट्स ने काउंटी में 18.57 के औसत से 35 विकेट
चटकाए हैं जिसमें तीन मौकों पर पारी में छह विकेट शामिल हैं और एक बार
ग्लेमोर्गन के खिलाफ पारी में सात विकेट चटकाए। इस प्रदर्शन ने उन्हें एक
अलग पहचान दिलाई और इससे उन्होंने राष्ट्रीय टीम में अपना मज़ूबत दावा
रखा। पॉट्स के साथ एक पॉजिटिव बात यह भी है कि उन्हें अपने टीम के कप्तान
बेन स्टोक्स का भरपूर समर्थन मिलता है। दोनों डरहम काउंटी से खेलते हैं।
किसी भी गेंदबाज़ के लिए इससे बड़ी बात क्या होगी कि एंडरसन और ब्रॉड जैसे
दिग्गज खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए वह चार विकेट चटकाने में कामयाब हो
सके। उन्होंने टॉम ब्लंडेल को निप बैकर पर आउट किया। केन विलियमसन को
गलती के लिए मजबूर किया और डेरिल मिचेल को बैक ऑफ़ लेंथ पर बोल्ड किया।
उनकी इस रिकॉर्डतोड़ कामयाबी से न्यूज़ीलैंड की टीम दबाव में आ गई। मैथ्यू
पॉट्स ने पहले कभी भी ‘होम ऑफ़ क्रिकेट’ कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान
पर कोई मैच नहीं खेला लेकिन अब जब उन्हें मौका मिला तो उन्होंने बेहतरीन
3 विकेट चटकाकर न्यूज़ीलैंड की कमर तोड़ दी। किसी भी गेंदबाज़ के लिए यह
पल किसी ड्रीम डैब्यू से कम नहीं है।