– Shrey Arya
भारतीय टीम तीन वनडे मैचों की सीरीज में वेस्टइंडीज से भिड़ेगी जिसका पहला वनडे मैच 22 जुलाई को खेला जाएगा. लेक़िन मैच से पहले भारतीय कप्तान शिखर धवन और कोच राहुल द्रविड़ को मिलकर तीन खामियों को दूर करना होगा. वरना टीम इंडिया सीरीज हार सकती है. हाल ही में टीम से जडेजा भी चोटिल होने के कारण बाहर हो गए हैं ऐसे में टीम का मैनेजमेंट अब और कोई समस्या नहीं मोल लेना चाहेगा. भारत पिछले 16 सालों से वेस्टइंडीज की धरती पर एक भी वनडे सीरीज नहीं हारा है. और शत प्रतिशत यहां पर टीम इंडिया इस रिकॉर्ड को कायम रखना चाहती है.
टीम के सामने इस वक्त सबसे बड़ी समस्या है कि कौन होगा धवन का ओपनिंग पार्टनर .. वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज से रोहित शर्मा को आराम दिया गया है. ऐसे में उनका ओपनिंग पार्टनर कौन होगा इसको लेकर सोच विचार चल रहा है. टीम में ऋतुराज गायकवाड़, शुभमन गिल संजू सैमसन और ईशान किशन जैसे धाकड़ बल्लेबाज मौजूद हैं. ऋतुराज खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं. उनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे हैं. वहीं, संजू सैमसन ने बहुत ही कम मौकों पर ओपनिंग की है. ऐसे में शिखर धवन के साथ ईशान किशन या फिर गिल को ओपनिंग करने के लिए भेजा जा सकता है.
टीम में अगला सिर दर्द है नंबर पांच का पेंच, टीम इंडिया में कई मैच विनर खिलाड़ी शामिल हैं, जो चंद गेंदों में ही मैच का रुख बदल देते हैं. ये प्लेयर्स बहुत ही शानदार फॉर्म में चल रहे हैं, लेकिन टीम इंडिया में नंबर पांच के लिए सूर्यकुमार यादव, श्रेयस अय्यर और दीपक हु्ड्डा मौजूद हैं. अब देखना ये होगा कि इन 3 खिलाड़ियों में से कप्तान शिखर धवन किसे मौका देते हैं. वहीं, शुभमन गिल भी रेस में शामिल हैं. गिल के पास अपार अनुभव है, जो टीम इंडिया के काम आ सकता है.
ओपनिंग और मिडिल ऑर्डर के बाद तेज गेंदबाजी टीम के लिए समस्या खड़ी कर सकती है, पिछले कुछ समय में भारतीय तेज गेंदबाजी बहुत ही ज्यादा मजबूत हुई है. इनकी वजह से ही भारत ने विदेशों में जीत के झंडे गाड़े हैं. इस सीरीज में जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी नहीं खेल रहे हैं. फिर भी भारत के पास तेज गेंदबाजों की भरमार है. इनमें मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, अर्शदीप सिंह और शार्दुल ठाकुर मौजूद हैं. डेथ ओवर्स के खतरनाक गेंदबाज आवेश खान भी मौजूद हैं. कप्तान शिखर को इनमें से तीन बेहतरीन गेंदबाज चुनने होंगे, जो वेस्टइंडीज के खिलाफ धमाकेदार प्रदर्शन कर सकें.
अब देखना चाहिए है कि भारतीय टीम कब तक जाकर अपनी इन समस्याओं से निजात पा सकती है क्योंकि अगर सीरीज जीतना है तो उसे पहले ही इन समस्याओं को खत्म करना होगा.