घूमती गेंदों की चुनौती से ख़त्म हुई पंत की पनौती!

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– Rajiv Mishra

लगातार दो मैच में मार खाने के बाद विशाखापट्टनम में घूमती गेंदों ने ये तय किया कि टीम इंडिया मैदान से मुस्कुराते हुए वापस लौटेगी । पिछले देने मैचों में स्पिनर का प्रदर्शन निराशाजनक था पर इस बार फिरकी के फ़नकारों का तेवर अलग था । कप्तान पंत भी स्पिन गेंदबाज़ों के तारीफ़ करते नहीं थके कप्तान ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनकी टीम अंततः अपनी योजना को सही ढंग से अम्ल में सक्षम रही भारत के कप्तान ऋषभ पंत ने बीच के ओवरों में विशेष रूप से भारतीय परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले स्पिनरों के महत्व पर जोर दिया। युजवेंद्र चहल और अक्षर पटेल की भारतीय स्पिन जोड़ी ने मदद करने के लिए खूबसूरती से गेंदबाजी की।

मेजबान टीम ने तीसरे T20I में दक्षिण अफ्रीका पर 48 रन से जीत दर्ज की और पांच मैचों की श्रृंखला में जीवित रहे। पंत ने कहा

कि हम प्लान से 15 रन कम थे, लेकिन हम उसके बारे गेंदबाजों ने हमारे लिए शानदार काम किया. भारत में, स्पिनर एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। उनके पास बीच के ओवरों में बल्लेबाज होते हैं। इसलिए उन पर प्रदर्शन करने का दबाव होता है, लेकिन ऐसे मैचों में जब यह आता है, तो ऐसा होता है।


हालांकि, कप्तान मध्य क्रम की बल्लेबाजी के पतन से खुश नहीं थे, जिसने भारत को अपेक्षित स्कोर से कुछ रन कम कर दिया। चहल, जिन्हें उनके सनसनीखेज स्पेल के लिए प्लेयर ऑफ द मैच से सम्मानित किया गया था, ने कहा कि उन्होंने “अपनी ताकत” के लिए गेंदबाजी की।


चहल की गेंदबाज़ी का विश्लेषण करें तो पाएँगे कि पिछले गेम में बहुत अधिक और तेज स्लाइडर्स गेंदबाजी कर रहे थे। तीसरे मैच में। चहल ने लेग-ब्रेक गेंदबाजी करने की कोशिश की, और एक अलग तरह की सीम पोजीशन के साथ। चहल ने खुद की गेंदबाज़ी में किए गए बदलाव के बारे में कहा कि पिछले दोनों मैच में वो तेंज गेंद डालने की कोशिश कर रहे थे इसलिए बल्लेबाजी लाइन के माध्यम से हिट करने में सक्षम थे। मैंने कुछ मोड़ लेने और गेंद की लाइन को बदलने की कोशिश की।


जब आप मध्य क्रम के बल्लेबाजों को बीच के ओवरों में आउट करते हैं, तो उन पर दबाव होता है। बल्लेबाज इन दिनों बहुत अधिक स्वीप और रिवर्स स्वीप करने की कोशिश करते हैं, इसलिए हमें गेंदबाजों के रूप में भी इसके लिए तैयार रहना होगा।


कुछ इसी तरह का बदलाव अक्षर पटेल की गेंदबाज़ी में देखने को मिला .. अक्षर गेंद को तेज डालने के बजाए थोड़े राउंड आर्म ऐक्शन के साथ गेंदबाज़ी करते नज़र आए .. जिससे ना तो बल्लेबाज़ों को हिट लगाने के रूम मिला और ना उछाल ..


विशाखापट्नम में टीम इंडिया अपने स्पिनर्स के दमपर विजयरथ पर दोबारा लौट आई है .. पर अभी भी मंज़िल दूर है .. यानि सीरीज़ के बचे हुए दोनों मैच जीतना और ट्राफ़ी तक पहुँचने के लिए फ़िक्की के फ़नकारों को अपने फार्म को आगे भी बरकरार रखना होगा

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