IPL में अम्पायरों को अपमानित करने में दिग्गज खिलाड़ी भी पीछे नहीं, आईसीसी टूर्नामेंटों की तरह होना चाहिए एक्शन

Date:

Share post:

इसे फ्रेंचाइज़ी ओनर का दबाव कहें या सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की होड़, आईपीएल में खिलाड़ी से लेकर कोच और टीम से जुड़े अन्य अधिकारी अम्पायरों से भिड़ने के मामले में किसी से पीछे नहीं हैं। दो दिग्गज टीमों के कप्तान रह चुके रिकी पॉन्टिंग और सौरभ गांगुली गुरुवार को अम्पायर से भिड़ गए। पांच साल पहले महेंद्र सिंह धोनी अम्पायर से भिड़ने के लिए डग आउट से मैदान में पहुंच गए थे और दो साल पहले ऋषभ पंत ने तो अम्पायर के निर्णय के विरोध में फील्ड पर मौजूद अपने दोनों खिलाड़ियों को वापस बुलाने का फरमान सुना दिया था।

दरअसल जिस फ्रेंचाइज़ी ओनर ने टीम को बनाने में करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, वह अपनी टीम को हर हाल में जीतते हुए देखना चाहता है। टीम के कप्तान सहित सपोर्ट स्टाफ पर उसका दबाव साफ तौर पर दिखता है। यह एक तरह के दबाव का ही नतीजा था कि पॉन्टिंग और सौरभ जैसे अनुभवी खिलाड़ी भी गुरुवार को अम्पायर के एक फैसले पर सवाल खड़े करते देखे गए। इस मैच में राजस्थान रॉयल्स ने विदेशी खिलाड़ियों के तौर पर हैटमायर, बोल्ट और बटलर को उतारा था। नांद्रे बरगर को इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर और रोवमैन पॉवेल को बतौर फील्डर उतारा। दोनों का विरोध था कि पॉवेल सहित पांच विदेशी खिलाड़ियों को उतारना नियम के विरुद्ध है। अम्पायर ने आईसीसी नियमों की धारा 1.2.6 का हवाला देते हुए कहा कि मैदान पर अगर तीन विदेशी खिलाड़ी मौजूद हैं तो चौथे विदेशी खिलाड़ी को उतारा जा सकता है। बेशक वह अतिरिक्त खिलाड़ी ही क्यों न हो।

इसी तरह एमएस धोनी ने पांच साल पहले राजस्थान रॉयल्स के बेन स्टोक्स की एक फुलटॉस गेंद पर लेग अम्पायर के नोबॉल के फैसले को बदलने का विरोध किया था। लेग अम्पायर ने पहले तो नो बॉल दी और फिर उस फैसले को पलट दिया। यहीं से माही की ओर से विरोध शुरू हो गया। वह इतने हाइपर हो गए कि मैदान के बाहर से अम्पायर के नज़दीक पहुंचकर इस फैसले का विरोध करने लगे। कैप्टन कूल को हॉट कैप्टन बनने में देर नहीं लगी।

दो साल पहले राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैच में ही ऋषभ पंत ने कमर की ऊंचाई की एक गेंद को नो बॉल न दिए जाने का विरोध किया और फील्ड पर मौजूद दिल्ली कैपिटल्स के दोनों खिलाड़ियों को मैदान से बाहर बुलाने के लिए कह दिया। पिछले साल रविचंद्रन अश्विन ने सीएसके के खिलाफ मैच में ओस से गेंद के गीले होने की वजह से बदलने का भी विरोध किया। उनका कहना था कि इस बारे में दोनों कप्तानों को बताकर उन्हें यह फैसला लेना चाहिए था।

ज़ाहिर है कि अम्पायर के फैसलों का विरोध करने के लिए आईपीएल में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की तरह कोई कार्रवाई नहीं होती जबकि यहां भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के अम्पायर मौजूद होते हैं। एक अम्पायर ने तो अपना नाम न छापने की शर्त पर यहां तक बताया कि पैसों का अगर आकर्षण न हो तो वह आईपीएल में अम्पायरिंग करना कभी पसंद नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें खिलाड़ी ही नहीं, कई बार फ्रेंचाइज़ी ओनर के आपत्तिजनक रवैये का भी सामना करना पड़ता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

ट्रेविस हैड और अभिषेक शर्मा पर ऐसी लग सकती है लगाम

सनराइजर्स हैदराबाद और रॉयल चैलेंजर्स, बैंगलुरु के बीच जब पिछला मुक़ाबला हुआ था तो उसमें करीब साढ़े पांच...

धोनी का धर्मशाला में ज़बर्दस्त क्रेज़, टिकटों की कीमतें छूने लगीं आसमान

पंजाब किंग्स और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच पांच मई को धर्मशाला में होने वाले टिकटों की कीमतों में...

डीसी के खिलाफ जीटी को पिछली हार से लेना होगा सबक, देना होगा बल्लेबाज़ी

आयुष राज दिल्ली कैपिटल्स और गुजरात टाइटंस के बीच आईपीएल के इस सीजन का 40वां मुकाबला 24 अप्रैल को...

खेल जगत की दस बड़ी खबरें

आशीष मिश्रा वेस्टइंडीज के पूर्व खिलाड़ी सुनील नरेन ने वर्ल्ड कप में खेलने की खबरों को पूरी तरह से...